संसार में प्रत्येक व्यक्ति सफल होना चाहता है, परंतु कुछ व्यक्ति ही सफल हो पाते हैं| आपने कभी गंभीरता से सोचा, की बाकी साधारण से बनकर क्यों रह जाते है? इस रह्सयमय कारण को जिस व्यक्ति ने जाना, उसने इस दुनिया में चमत्कार कर दिया और हर बुलंदी को छू लिया|
मानव-जीवन प्रकृति की श्रेष्ठतम रचना है और आप में इतनी आणविक उर्जा है, इतनी शक्ति है की आप चाहें तो विश्व को नष्ट कर सकते हैं ... और इसे फिर से बना सकते हैं|
ईश्वर ने वरदान के रूप में इतनी शक्तियाँ दी है, जो ब्रह्मांड मे किसी दूसरे प्राणी के पास नही हैं| सफलता की सर्वमान्य परिभाषा अभी तक नियत नही की जा सकी है| इसका कारण यह हैं की अलग-अलग व्यक्तियों के लिए सफलता का भिन्न-भिन्न अर्थ हैं| कोई व्यक्ति यश और प्रतिष्ठा पाकर समाज में सफल होने का गर्व महसूस करता हैं, तो किसी की विध्या और बुद्धि होने का मूल्यांकन है| किसी अन्य के लिए पद का इतना महत्व है की वह इसे जीवन की अंतिम सफलता मान लेता हैं| इच्च्छाओ की कोई सीमा नही है|
Uday Prasad Gupta
मानव-जीवन प्रकृति की श्रेष्ठतम रचना है और आप में इतनी आणविक उर्जा है, इतनी शक्ति है की आप चाहें तो विश्व को नष्ट कर सकते हैं ... और इसे फिर से बना सकते हैं|
ईश्वर ने वरदान के रूप में इतनी शक्तियाँ दी है, जो ब्रह्मांड मे किसी दूसरे प्राणी के पास नही हैं| सफलता की सर्वमान्य परिभाषा अभी तक नियत नही की जा सकी है| इसका कारण यह हैं की अलग-अलग व्यक्तियों के लिए सफलता का भिन्न-भिन्न अर्थ हैं| कोई व्यक्ति यश और प्रतिष्ठा पाकर समाज में सफल होने का गर्व महसूस करता हैं, तो किसी की विध्या और बुद्धि होने का मूल्यांकन है| किसी अन्य के लिए पद का इतना महत्व है की वह इसे जीवन की अंतिम सफलता मान लेता हैं| इच्च्छाओ की कोई सीमा नही है|
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